भारत ने 28 साल
के अंतराल के बाद फिर से इतिहास दोहराया है और वह 1983 के बाद दूसरी बाद चैंपियन बना है। दोनों टूर्नामेंट के फाइनल मैच में खिलाडियों ने दमदार प्रदर्शन किया, जो सदियों तक याद रहेगा। दोनों टीमों का तुलनात्मक अध्ययन
1983 टीम फाइनल में प्रदर्शन
कपिलदेव - 15 रन, 1 विकेट
सुनील गावस्कर - 2 रनकृष्णमचारी श्रीकांत - 38 रन
मोहिंदर अमरनाथ - 26 रन, 3 विकेट
यशपाल शर्मा - 11 रन,
संदीप पाटिल - 27 रन
कीर्ति आजाद - 0 रन
रोजर बिन्नी - 2 रन, 1 विकेट
मदन लाल - 17 रन, 3 विकेट
सैयद किरमानी - 14 रन 1 कैच
बलविंदर संधू - 11 रन, 2 विकेट
2011 के धुरंधर फाइनल में प्रदर्शन
सुनील गावस्कर - 2 रनकृष्णमचारी श्रीकांत - 38 रन
मोहिंदर अमरनाथ - 26 रन, 3 विकेट
यशपाल शर्मा - 11 रन,
संदीप पाटिल - 27 रन
कीर्ति आजाद - 0 रन
रोजर बिन्नी - 2 रन, 1 विकेट
मदन लाल - 17 रन, 3 विकेट
सैयद किरमानी - 14 रन 1 कैच
बलविंदर संधू - 11 रन, 2 विकेट
2011 के धुरंधर फाइनल में प्रदर्शन
सचिन तेंदुलकर - 18 रन
वीरेंद्र सहवाग - 0 रन, 1 कैच
गौतम गंभीर - 97 रन
युवराज सिंह - 21 रन नाबाद, 2 विकेट
महेंद्र सिंह धोनी - 91 रन नाबाद, 1 कैच
विराट कोहली - 35 रन
सुरेश रैना - 1 कैच, बैटिंग नहीं की
हरभजन सिंह - 1 विकेट, बैटिंग नहीं की
जहीर खान - 2 विकेट
मुनाफ पटेल - कोई विकेट नहीं
एस श्रीसंत - कोई विकेट नहीं
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