टीम इण्डिया ने क्रिकेट विश्वकप के फाइनल मैच में श्रीलंका को धूल चटाकर 1983 का इतिहास दोहरा दिया। टीम इण्डिया की फाइनल में जीत के पांच प्रमुख कारण रहे।
गंभीर की शानदारी पारी
टीम इण्डिया के सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के जल्द आउट होने के बाद टीम इण्डिया संकट में घिर गई। उस समय करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस के चेहरे मुरझा गए। एक बारगी तो लगा कि अब टीम इण्डिया का क्या होगा। सहवाग जिस वक्त आउट हुए उस वक्त टीम इण्डिया का खाता भी नहीं खुला था जबकि सचिन जब आउट हुए उस वक्त भारत का स्कोर 31 रन था। दोनों के पवैलियन लौटने के बाद भी गौतम गंभीर बल्लेबाजी करने आए। उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी से न केवल संकट में घिरी टीम को संभाला और बल्कि पांच की रन रेट को बरकरार रखा। गंभीर और कोहली ने संभलकर बैटिंग करते हुए भारत का स्कोर 100 के पार पहुंचाया। गंभीर ने 53 गेंदों में ही अपनी फिफ्टी पूरी की। हालांकि गंभीर शतक बनाने से चूक गए। उन्होंने 97 रन की शानदार पारी खेली।
धोनी का बल्लेबाजी क्रम में बदलाव
धोनी को सबसे बड़ा गैम्बलर कहा जाता है। धोनी ने फाइनल
मैच में भी एक बड़ा फैसला लिया। धोनी ने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करते हुए खुद युवराज सिंह की जगह बल्लेबाजी करने उतरे। धोनी ने अपने फैसला को उस समय सही भी साबित किया जब उन्होंने भारतीय टीम को विश्व चैंपियन बना दिया। धोनी ने सिंगल्स और डब्ल्स के साथ साथ जरूरत पड़ने पर गेंद को बाउंड्री के बाहर भी भेजा। धोनी ने 79 गेंद में 8 चौके व 2 छक्के की मदद से 91 रनों की शानदार पारी खेली। गंभीर के साथ धोनी ने चौथे विकेट के लिए 103 रनों की बेशकीमती साझेदारी की।
युवराज सिंह का फिर हरफनमौला प्रदर्शन
युवराज सिंह ने फाइनल में भी हरफनमौला प्रदर्शन किया। युवराज सिंह ने न केवल बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया बल्कि गेंदबाजी में अच्छा प्रदर्शन करते हुए टीम इण्डिया को दो विकेट दिलाए। युवराज सिंह ने कप्तान महेन्द्र सिंह ने साथ मिलकर अच्छी साझेदारी निभाई। दोनों के बीच 42 गेंदों में 54 रन की साझेदारी रही। 52 रन में धोनी के 31 और युवराज 21 के रन थे।
पॉवर प्ले में अच्छा प्रदर्शन
टीम इण्डिया ने पहले और दूसरे पॉवर प्ले में अच्छी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। भारत ने पहले पॉवर प्ले में 41 रन बनाए जबकि दूसरे पॉवर प्ले में 44 रन बनाए। श्रीलंका ने पहले पॉवर प्ले में सिर्फ 31 रन ही बनाए थे। हालांकि पहले पॉवर प्ले में टीम इण्डिया के दो विकेट गिरे थे। जबकि श्रीलंका का एक विकेट ही गिरा था लेकिन गंभीर ने तेजी से रन बनाए। इस कारण रन के मामले में टीम इण्डिया पहले और दूसरे पॉवर प्ले में आगे रही।
मैच का टर्निग प्वाइंट
गौतम गंभीर का कैच छोड़ना क्रिकेट विश्वकप के फाइनल का टर्निग प्वाइंट साबित हुआ। श्रीलंकाई प्लेयर नुआन कुलशेखरा ने 30 के स्कोर पर गंभीर का कैच छोड़ दिया था।
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