असमाजिक तत्वों की पिटाई से मरणासन्न स्थिति पर पहुंचे एक मासूम को न्याय दिलाने के लिए उसकी मां पिछले कई दिनों से पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की चक्कर लगा रही है, लेकिन उसे इस भ्रष्ट तंत्र में न्याय नहीं मिल पा रहा है। बेटे के गुनाहगारों को बाराद्वार पुलिस की मदद मिलने तथा उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने से व्यथित महिला ने आज कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है।
बस्ती बाराद्वार में हरबाई पति फिरतराम लहरे अपने बच्चों के साथ निवास करती है। उसने बताया कि कुछ दिन पहले उसके घर में मोहल्ले में ही रहने वाले सुखप्रसाद सतनामी और मनोज सतनामी घुस गए। इस दौरान हरबाई का 13 वर्षीय पुत्र धनेश्वर घर में मौजूद था, जिसके साथ दोनों युवकों ने लाठी-डंडे से बर्बरतापूर्वक मारपीट की। पिटाई से धनेश्वर के सिर पर गंभीर चोंटे आई, जिसे ईलाज के लिए उसकी मां जांजगीर के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डाक्टरों ने उसे भगा दिया। इसके बाद वह महिला अपने बच्चे को बिलासपुर के शासकीय अस्पताल लेकर गई, लेकिन यहां भी उसे दाखिल नहीं किया गया, जबकि उसके पास गरीबी रेखा का कार्ड भी है। महिला ने बताया कि ईलाज के अभाव में उसका पुत्र धनेश्वर वर्तमान में मरणासन्न स्थिति में है। इससे वह बेहद परेशान है। इस मामले की शिकायत महिला ने बाराद्वार थाने में दर्ज कराई थी, लेकिन बच्चे के साथ मारपीट करने वाले गुनाहगारों को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस उन्हे बचाने की कोशिश कर रही है। बच्चे को न्याय दिलाने की गुहार लेकर वह पिछले कई दिनों से भटक रही है, लेकिन सभी अफसर उसे कार्रवाई का आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। महिला ने आज कलेक्टर ब्रजेश मिश्र व पुलिस अधीक्षक आनंद छाबड़ा से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई है, जिस पर उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। फिलहाल अब देखना यह है कि महिला को कब तक न्याय मिल पाता है।
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