नए वित्तीय वर्ष से रजिस्ट्री दर में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर 31 मार्च को जमीन की खरीदी-बिक्री पर धनलक्ष्मी जमकर बरसी। अंतिम दिन होने के कारण आज सुबह से ही उप-पंजीयक कार्यालय जांजगीर, चांपा, सक्ती, पामगढ़ में जमीन खरीदने व बेचने वाले लंबी कतार देखी गई, जो देर रात तक कार्यालय के आसपास जमी रही।
जिला पंजीयक द्वारा प्रस्तावित नई गाईडलाईन के अनुसार अप्रैल की शुरुआत से जमीन की रजिस्ट्री दरों में 10 से 15 प्रतिशत तक इजाफा होने की संभावना है। इसके कारण चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में रजिस्ट्री कराने लोगों की भीड़ पंजीयन कार्यालय में उमड़ रही है। जानकारी के अनुसार उप-पंजीयक कार्यालय जांजगीर में 30 मार्च को 30 से अधिक रजिस्ट्री हुई है, वहीं आज दोपहर तक लगभग 50 रजिस्ट्री हो चुकी थी, जिससे शासन को लाखों का राजस्व प्राप्त हुआ है। उप-पंजीयक कार्यालय जांजगीर में इस वर्ष 30 मार्च तक कुल 861 रजिस्ट्री हुई है, जिसके एवज में सरकार ने 1 करोड़ 77 लाख 39 हजार 865 रूपए का राजस्व कमाया है। इसी तरह का आंकड़ा जिले के अन्य उपपंजीयक कार्यालयों का भी है, जहां वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में जमीन खरीदने-बेचने वालों की भीड़ सुबह से रात तक जमी हुई है। उल्लेखनीय है कि जिला बनने के बाद जांजगीर में जमीन की खरीदी बिक्री में इजाफा हुआ है। इसकी एक वजह जिले में बड़ी संख्या में लग रहे पावर प्लांट भी है, जहां नौकरी करने वाले लोग स्थायी निवास बनाने के लिए लगातार जमीन की खरीदी कर रहे हैं। इस वजह से पंजीयन विभाग शासन से मिलने वाले राजस्व लक्ष्य को आसानी से पूरा कर ले रहा है, जबकि जिला बनने के पूर्व शासन से मिले लक्ष्य को पूरा कर पाना पंजीयन विभाग के लिए चुनौती भरा होता था। चौंकाने वाली बात यह है कि इस जिले से शासन को राजस्व के रूप में भारी भरकम रकम मिल रही है, जो टारगेट से काफी अधिक है।
इस संबंध में जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि रजिस्ट्री का नया रेट लागू होते ही जमीन की कीमतें बढ़ जाएंगी। ऐसे में पुराना दर ही मध्यमवर्गीय परिवारों पर भारी पड़ेगा। वहीं उपपंजीयक जांजगीर आर.एस. नागेश का कहना है कि नए वित्तीय वर्ष शुरू होने के पहले ही लोग रजिस्ट्री कराने टूट पड़ते हैं। पिछले तीन-चार दिनों से रजिस्ट्री में तेजी आई है।
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