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पानी चुराकर बिजली पैदा कर रहा सीएसपीएल

अमझर गांव में संचालित छत्तीसगढ़ स्टील एण्ड पावर लिमिटेड द्वारा पिछले 3 वर्षो से भू-जल की चोरी कर बिजली पैदा किया जा रहा है। भू-जल दोहन की शिकायत पर प्रशासनिक अधिकारियों ने प्लांट में छापामार कर कंपनी प्रबंधन को बोर से पानी चोरी करते रंगे हाथ पकड़ा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पावर प्लांट द्वारा बोर से पानी लेकर बिजली उत्पादन किए जाने से क्षेत्र में जलसंकंट गहरा गया है।

छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के ग्राम अमझर में छत्तीसग स्टील एंड पावर द्वारा 30 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लिए संयंत्र स्थापित किया गया है। पावर प्लॉट प्रबंधन द्वारा बिजली उत्पादन के लिए नदी-नाले के पानी की बजाय संयंत्र परिसर में ही भू-जल दोहन करते हुए पीएचई विभाग से एनओसी लिए बगैर कई बोर करा दिए गए। कुछ माह पूर्व इसकी शिकायत क्षेत्र के लोगों द्वारा राज्यपाल सहित जिला प्रशासन से की गई, जिस पर राज्यपाल ने जिला प्रशासन को शीघ्र मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। राज्यपाल के निर्देश पर तत्परता दिखाते हुए जिला प्रशासन ने जांच के लिए चांपा एसडीएम श्रवण गुप्ता और पीएचई के एसडीओ एन आर जाटवर को नियुक्त कर दिया। जांच में मामला सही पाए जाने के 11 माह बाद भी प्रशासन द्वारा कंपनी प्रबंधन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। नतीजतन कंपनी प्रबंधन द्वारा वर्तमान में भी भू-जल की चोरी कर बिजली उत्पादन कर रहा है। यहां बताना लाजिमी होगा कि पूर्व में हुई शिकायत की जांच के लिए नियुक्त अधिकारियों ने 15 मार्च 2010 को जांच के बाद 8 पन्ने का प्रतिवेदन अपर कलेक्टर एके तिवारी को सौंपा था। प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख है कि सीएसपीएल में विद्युत उत्पादन 13 सितम्बर 2008 से पूर्ण रूप से आरंभ हुआ है। विद्युत उत्पादन के लिए पानी की आपूर्ति हसदेव नदी के किनारे बने इंटेकवेल के माध्यम से किए जाने की जानकारी कंपनी प्रबंधन द्वारा प्रशासन को उपलब्ध कराई गई है, जबकि इंटेकवेल का निर्माण वर्ष 2009 के उत्तरार्द्ध में पूर्ण हुआ है। साथ ही कंपनी द्वारा हसदेव नदी से जल आपूर्ति का अनुबंध 3 दिसम्बर 2009 में किया गया है। प्रतिवेदन में यह भी बताया गया है कि प्लॉट परिसर में 6 इंच के 6 बोर कराए गए है, जिससे जल दोहन कर प्लॉट का संचालन किया जा रहा है, जबकि प्रशासन को गुमराह करने के लिए बोर का उपयोग प्रोजेक्ट के सिविल कार्य में किया जाना बताया गया है। फिलहाल जांच अधिकारियों की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि अमझर में संचालित छत्तीसगढ़ स्टील एण्ड पावर लिमिटेड भू-जल की चोरी कर बिजली का उत्पादन कर रहा है। प्लॉट के पास बिजली उत्पादन करने के लिए और कोई विकल्प नहीं है। बावजूद इसके प्रशासन की उदासीनता से प्लॉट प्रबंधन धड़ल्ले से पानी चोरी कर बिजली उत्पादन कर रहा है। इधर सीएसपीएल द्वारा बोर से पानी लेकर बिजली उत्पादन किए जाने से क्षेत्र में जलसंकंट गहरा गया है। पावर प्लांट क्षेत्र के ग्राम अमझर, महुदा, उच्चभिट्ठी, देवलापाठ, बहेराडीह, सिवनी, फरसवानी, कुरदा, चांपा में स्थापित अधिकांश हैण्डपंप हवा उगल रहे है, जिसे बार-बार चलाने के बाद भी बाल्टी भर पानी नहीं मिल पाता है।

पूर्व मंत्री का शेयर है प्लांट में

छत्तीसगढ़ स्टील एंड पावर लिमिटेड में कई बार पूर्व शिक्षा मंत्री मेधाराम साहू का नाम सामने आता रहा है। जब श्री साहू छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री थे, तब से उनके भतीजे हेमन्त ने इस पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण और खरीदी प्रक्रिया पूरी की थी। वर्तमान में भी प्रबंधन में उनका पूरा हस्तक्षेप बताया जाता है। इसी वजह से शासन-प्रशासन के तमाम नियम-कानूनों को ठेंगा दिखाकर पावर प्लॉट प्रबंधन मनमानी कर है।

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