पेंशन की पात्रता होने के बावजूद लछनपुर की दो दर्जन से अधिक बुजुर्ग महिलाओं को पेंशन से वंचित कर दिया गया है। इसकी शिकायत लेकर कुछ दिन पहले वे महिलाएं कलेक्टोरेट पहुंची थी, लेकिन कलेक्टर के मौजूद नहीं होने के कारण उन्हें कार्यालय के गेट के सामने बैठकर घंटों तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान वहां कई अधिकारी मौजूद थे। बावजूद इसके किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी।
दरअसल जांजगीर-चाम्पा जिले के बलौदा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत लछनपुर में निवास करने वाली बुजुर्ग महिला पद्मा राजपूत, सुशीला राजपूत, नीराबाई साहू, लीलामति साहू, जेठिया राजपूत, शिवकुमारी साहू, रूखमिन बाई केंवट, बुंदेला बाई महंत, जानकुंवर यादव, सुरूजबाई साहू, दूजबाई साहू, अगहनबाई यादव, चरनमति केंवट, कुसुमबाई मराठा, दशमीनबाई कंवर, अंजोरा साहू, भूरीबाई यादव, गीता केंवट, कोरोबाई यादव, चैतीनबाई यादव, बिजबाई सतनामी सहित कई निःशक्तजनों को ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा विधवा, निःशक्त व वृद्धावस्था पेंशन से वंचित कर दिया गया है। इस पर महिलाओं ने आपत्ति जताई तथा सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए आग्रह किया, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। इससे दुखी बुजुर्ग महिलाओं ने 14 मार्च को मामले की शिकायत कलेक्टर से करने की ठानी और इसी उद्देश्य से दो दर्जन से अधिक महिलाए गांव से 7 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके कलेक्टोरेट पहुंची, यहां उनके पहुंचते ही कलेक्टर किसी काम से बाहर चले गए। इस वजह से उनकी मुलाकात कलेक्टर से नहीं हो सकी। ऐसे में उन्होंने कलेक्टोरेट के गेट पर कलेक्टर के आने का इंतजार किया, लेकिन उन्हें निराशा ही हुई। घंटों तक गेट पर बैठी बुजुर्ग महिलाओं को देखने के बावजूद कलेक्टोरेट में पदस्थ कई अफसर वहां से चेहरा घुमाकर चले गए। बुजुर्ग महिलाएं वहां से गुजरने वाले सभी अफसरों की ओर मानवता की आस लगाएं देखती रही, लेकिन किसी भी अफसर ने मानवता के नाते उनसे परेशानी पूछना गवारा नहीं समझा।
बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि उनके गांव के पंचायत प्रतिनिधियों की लालच इतनी बढ़ गई है, कि वे पेंशन पर भी डाका डालने से नहीं चूक रहे हैं। इसकी शिकायत वे कई अफसर से कर चुके है, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर आज वे कलेक्टर से मिलने पहुंची थी। बहरहाल घंटों बीत जाने के बावजूद कलेक्टर के वापस नहीं आने पर महिलाओं को मजबूरन अपनी शिकायत आवक-जावक शाखा में देकर गांव वापस लौटना पड़ा।
बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि उनके गांव के पंचायत प्रतिनिधियों की लालच इतनी बढ़ गई है, कि वे पेंशन पर भी डाका डालने से नहीं चूक रहे हैं। इसकी शिकायत वे कई अफसर से कर चुके है, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर आज वे कलेक्टर से मिलने पहुंची थी। बहरहाल घंटों बीत जाने के बावजूद कलेक्टर के वापस नहीं आने पर महिलाओं को मजबूरन अपनी शिकायत आवक-जावक शाखा में देकर गांव वापस लौटना पड़ा।
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