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इकसठ करोड़ की शराब दुकानों का फैसला डेढ़ घंटे में

जांजगीर-चांपा जिले में नए वित्तीय वर्ष के लिए इकसठ करोड़ रूपए की शराब दुकान समूहों का फैसला महज डेढ़ घंटे में हो गया। इस बार अमोलक सिंह गु्रप को मात देते हुए मंजीत सिंह गु्रप ने अपना दबदबा कायम किया है। जिले की 48 में से 17 समूह मंजीत गु्रप के हिस्से में आए हैं, वहीं दो बड़ी दुकानों के साथ 9 समूह पाकर अमोलक गु्रप को संतोष करना पड़ा है।

वित्तीय वर्ष 2011-12 में 61 करोड़ 32 लाख रूपए राजस्व लक्ष्य के 48 देशी-विदेशी दुकान समूहों के लिए 69 हजार से अधिक आवेदन आबकारी विभाग को मिले थे। जांच के बाद 337 आवेदन पत्र दस्तावेज सही नहीं होने कारण से निरस्त किए गए थे। शेष 68 हजार 48 आवेदन पत्रों की कम्प्यूटर में एंट्री के बाद लाटरी पद्धति से चयन प्रक्रिया आज सुबह 11 बजे कलेक्टोरेट परिसर में शुरू हुई। कलेक्टर ब्रजेश चंद मिश्र तथा आबकारी आयुक्त कार्यालय से पहुंचे अधिकारियों की उपस्थिति में सहायक आयुक्त आबकारी पी.एल साहू द्वारा लाटरी की शुरूआत छोटे दुकान समूहों से कराई गई। रेण्डम प्रणाली से चयन के शुरूआत में पंतोरा, बुड़गहन व बलौदा की शराब दुकान समूह मंजीत सिंह ग्रुप के नाम पर आबंटित हुए, जिससे ठेके में शामिल अन्य ठेकेदारों के चेहरे से रंगत उड़ गई। इसके बाद जावलपुर देशी शराब दुकान समूह पप्पू भाटिया ग्रुप के नाम पर निकली। इसी क्रम में बोड़सरा दुकान समूह जिले में पहली बार भाग्य आजमा रहे कांकेर के श्याम गुप्ता ग्रुप के नाम निकली। फिर अकलतरा की बड़ी दुकान सुभाष शर्मा ग्रुप के नाम पर आबंटित हुई। तब तक अमोलक सिंह ग्रुप के हाथ एक भी शराब दुकान समूह नहीं लगा था, जिससे उनके कर्मचारियों की धड़कन तेज हो गई थी। इसी दौरान पीपरसत्ती दुकान समूह
की लाटरी फिर मंजीत ग्रुप के नाम निकली, जिससे अमोलक ग्रुप पूरी तरह निराश दिखा। इसके बाद फिर अर्जुनी दुकान समूह के लिए निकली लाटरी से अमोलक ग्रुप का नए शराब ठेका में खाता खुला। इस बार सबसे बड़ी व अधिक राजस्व की दुकानें मंजीत सिंह ग्रुप के हाथ ही लगी है, जबकि अमोलक सिंह गु्रप को महज दो विदेशी व 7 देशी दुकान समूह ही मिले हैं। जिले नए वित्तीय वर्ष से संचालित होने वाली 61 करोड़ 32 लाख रूपए के राजस्व की 48 शराब दुकान समूहों के लिए आबकारी विभाग की लाटरी प्रक्रिया डेढ़ घंटे में पूरी हो गई। विभाग के मुताबित इस बार मंजीत सिंह ग्रुप को 17, अमोलक सिंह ग्रुप को 9, पप्पू भाटिया ग्रुप को 4, सुभाष शर्मा ग्रुप को 3, श्याम गुप्ता ग्रुप को 5, लक्ष्मी जायसवाल ग्रुप को 3, बदन बस कंपनी ग्रुप को 6 तथा देहरादून के पवन जायसवाल ग्रुप को 1 समूह मिला है।

सात करोड़ बढा़ राजस्व लक्ष्य

वित्तीय वर्ष 2010-11 में जिले की 43 दुकान समूहों के लिए 54 करोड़ 31 लाख का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस वर्ष शासन के आदेश पर 3 हजार से कम आबादी क्षेत्र में संचालित 30 शराब दुकानें बंद हुई है, बावजूद इसके राजस्व लक्ष्य में सात करोड़ की वृद्धि कर कुल 61 करोड़ 32 लाख 68750 रूपए का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

5 महिलाएं को भी मिला मौका

शराब दुकान बंद कराने के लिए समय-समय पर सरकार के खिलाफ लामबंद होने वाली महिलाएं भी शराब ठेके में पीछे नहीं हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी सैकड़ों महिलाओं ने आवेदन किया था, जिसमें से 5 महिलाओं के नाम दुकानें आबंटित हुई है। लोहर्सी समूह कौशल्या बाई के नाम पर निकली है। इसी तरह नैला समूह मनोरमा देवी, करनौद समूह फोटोबाई सतनामी, हसौद समूह अनिता जायसवाल तथा बिर्रा समूह की दुकान पदुम देवी के नाम पर निकली है।

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