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भारत स्वाभिमान ट्रस्ट को सत्ता का मोह नहीं

केन्द्र व राज्यों की सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार व घोटालों में डूबी हुई है। अनाज, शिक्षा, चिकित्सा, यूरिया, गैस व चारा घोटाला से केन्द्रीय मंत्रियों का पेट नहीं भरा कि उन्होंने टेलीकॉम, खेल व जमीन घोटाला कर देश को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसका खामियाजा आज देश के 83 करोड़ 60 लाख गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। भारत स्वाभिमान को सत्ता से बिल्कुल मोह नहीं है, लेकिन ट्रस्ट के साथ आम लोगों के ज्यादा संख्या में जुड़ने से देश की भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंका जा सकता है।

योगगुरू बाबा रामदेव महराज ने जिला मुख्यालय जांजगीर के हाईस्कूल मैदान में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट तथा पतंजलि योग समिति के तत्वाधान में आयोजित योग शिविर में ये बातें कही। बाबा रामदेव का योग शिविर सुबह 5 बजे प्रारंभ हुआ। योग शिक्षा देते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि योग सबसे प्राचीन विधि है, जिसके नियमित अभ्यास से किसी भी बीमारी को दूर किया जा सकता है। योग से प्रतिकूलता कुछ ही दिनों में अनुकूलता में बदल जाती है। उन्होंने कहा कि आज सरकारी अस्पतालों की हालत अत्यंत दयनीय है। अधिकांश अस्पतालों में डाक्टर नहीं है, तो कहीं दवाई की कमीं है। सरकारी अस्पतालों में एक तो गरीबों को बड़ी मुश्किल दवा मिलती है, और यदि मिलती भी है तो नकली होती है। दवा खरीदी घोटाला इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। योगगुरू ने कहा कि सरकार नकली दवा खरीदकर गरीबों को मौत के मुंहाने तक ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ती। केन्द्र सरकार के मंत्री इतने भ्रष्ट है कि उन्होंने शिक्षा घोटाला कर बच्चों की पढ़ाई का पैसा भी हजम कर दिया। पिछले दिनों केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा ने तो भ्रष्टाचारी के मामले में अन्य मंत्रियों को मात दे दी। उन्होंने 2 जी स्प्रेक्ट्रम घोटाला कर देश को बर्बाद करने में कोई कमीं नहीं की है। केन्द्र में प्रधानमंत्री को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश मंत्री पूरी तरह से भ्रष्टाचारी व जमाखोरी में लिप्त है, जिनसे गरीबों का हक भी सुरक्षित नहीं बच पा रहा है। बाबा रामदेव ने कहा कि भारत देश के गरीबों के हक की 300 लाख करोड़ रूपए विदेशों में जमा है, जिसे वापस लाने में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट का सहयोग करना सभी भारतीय नागरिकों की जिम्मेदारी है। देश को आजादी मिले 67 वर्ष बीत चुके है, लेकिन हक के मामलों में सामर्थ लोगों के सामने गरीब वर्ग के लोग आज भी अक्षम हैं। भ्रष्टाचार मिटने पर ही देश को सच्ची आजादी मिल पाएगी। योग गुरू ने केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गरीबी रेखा के नीचे व गरीबी रेखा के ऊपर का आखिर क्या मापदंड है। हर माह जिनकी आमदनी 368 रूपए से ऊपर है, वे यदि गरीबी रेखा में नहीं है तो देश में आखिर किन लोगों को गरीबी रेखा की सूची में शामिल किया गया है। सांसद व मंत्रियों की निष्पक्षता जांचने के लिए जांच आयोग गठित करने की बात भी उन्होंने कही। शराब के मुद्दे पर बाबा रामदेव ने कहा कि एक शराब बेचने वाला गांव को लूट कर काली कमाई अर्जित कर रहा है, तो सरकार का विकास हो रहा है। सरकार को शराब बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा देना चाहिए। नशापान से किसी का भला नहीं होने वाला है। इसी से ही लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही है। योगगुरू ने कहा कि वे एक अनपढ़ परिवार में पैदा हुए हैं, जिसके कारण उन्हें शिक्षा व रूपए-पैसे का महत्व पता है। वे कुछ ऐसा काम करना चाहते है, जिससे कि देश में कोई बच्चा अनपढ़ न रहे। रिश्वतखोरी पर उन्होंने कहा कि सरकार 500 व 1000 के नोटों को शीघ्र बंद कर दे, क्योंकि इन्हीं नोटों के प्रचलन से देश में रिश्वतखोरी बढ़ी है। आज अधिकारी व नेता बड़े-बड़े नोटों को जेब में भरकर आसानी से रिश्वतखोरी कर रहे है। बड़े नोटों के बंद होने के बाद उन्हें रिश्वत लेने में भी बार-बार सोचना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावों में हर बार नेताओं द्वारा चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया जाता है, जिसमें उनके पास फूटी कौड़ी नहीं होती, जबकि चुनाव जीतने के कुछ दिनों बाद भी वे धन्ना सेठ हो जाते है। इसकी जांच भी सरकार को करानी चाहिए, कि आखिर उनके पास बेनामी संपत्ति कहां से आई है। भ्रष्टाचार, मिलावटखोर तथा बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि ऐसे लोग दोबारा देश, समाज व मां-बहनों को कलंकित न कर सके। ढ़ाई घंटे तक चले योग शिविर में बाबा रामदेव ने कपालभाति, अनुलोम-विलोम, प्राणायाम, शीर्षासन, बज्रासन सहित योग की तमाम कलाओं का लोगों को ज्ञान बांटा।

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