जांजगीर जिले के गोधना में प्रस्तावित कर्नाटक पावर प्लांट प्रबंधन की मनमानी से त्रस्त सैकड़ों ग्रामीणों ने नहीं देने की चेतावनी जिला प्रशासन को दी।
कर्नाटक पावर कार्पोरेशन लिमिटेड नवागढ़ विकासखंड के ग्राम गोधना में 1600 मेगावाट का पावर प्लांट लगा रही है। प्लांट के लिए कंपनी को ग्राम गोधना, कुकदा व सलखन की 1260 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। पहले चरण में कंपनी प्रबंधन द्वारा गोधना की भूमि का अधिग्रहण प्रारंभ कर दिया गया है, लेकिन निर्धारित मुआवजा दर से कम रकम दिए जाने के कारण ग्रामीण अपनी जमीन कंपनी को बेचने तैयार नहीं है। बावजूद इसके पावर कंपनी ने मनमानी करते हुए ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया है। ग्रामीणों की आपत्ति पर कंपनी के अधिकारियों द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से अनिवार्य अधिग्रहण की प्रक्रिया अपनाए जाने की बात कही जा रही है। प्रबंधन के इस रवैये से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। कंपनी प्रबंधन द्वारा मनमर्जी किए जाने की शिकायत करने पिछले दिनों गोधना, कुकदा और सलखन के सैकड़ो ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे थे, जिन्होंने जिला प्रशासन पर प्लांट प्रबंधन से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कलेक्टोरेट का घेराव किया।
ग्रामीणों के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष नारायण प्रसाद यादव व गांव के उपसरपंच कांशीराम साहू ने बताया कि पावर प्लांट के लिए जनसुनवाई से पूर्व जून 2010 में एसडीएम जांजगीर ने गांव में बैठक रखी थी, जिसमें पावर कंपनी के अधिकारियों ने अपनी योजना का ब्यौरा दिया। इस पर ग्रामीणों ने पावर प्लांट के लिए 21 लाख रूपए प्रति एकड़ दर से जमीन देने की बात कही। घंटो तक चली बैठक के बाद 13 लाख 80 हजार रूपए प्रति एकड़ मुआवजा दिए जाने के आश्वासन पर ग्रामीण राजी हो गए। एसडीएम की उपस्थिति में ग्रामीण व पावर कंपनी के अधिकारियों के बीच हुए मसौदे के आधार प्रति एकड़ 10 लाख रूपए मुआवजा, 30 फीसदी अनुग्रह राशि तथा 12 फीसदी ब्याज तय हुआ था। साथ ही विस्थापित परिवार के एक सदस्य को पावर प्लांट में नौकरी देने की घोषणा भी की गई थी। जिसके आधार पर ग्रामीण पावर प्लांट के लिए अपनी जमीन देने को तैयार हो गए थे। बैठक में हुई बातचीत की वीडियों रिकार्डिग भी कराई गई है, लेकिन अब पावर प्लांट प्रबंधन द्वारा 10 लाख रूपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजे के आधार पर जमीन अधिग्रहण शुरू कर दिया गया है। वहीं जमीन पर लगे वृक्षों की मुआवजा राशि नहीं दी जा रही है। बहरहाल ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट का घेराव कर अपना आक्रोश जताया है, इसके बाद भी प्रशासन द्वारा शिकायत पर कार्रवाई नहीं किए जाने पर उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
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