पिछले डेढ़ सौ वर्षो से ग्राम खैजा का लहरे परिवार होली व धूल पंचमी के दिन मिर्गी का ईलाज करता आ रहा है। यह परिवार की पांचवी पीढ़ी है, जिसने अपने पूर्वजों से मिली विधा को अब तक जिंदा रखा है। दिलचस्प बात यह है कि लहरे परिवार ने इस विधा को अपनी आय का जरिया नहीं बनाया है। वे मानव सेवा को ध्यान में रखकर मिर्गी के मरीजों का निःशुल्क उपचार करते हैं।
जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा विकासखंड अंतर्गत स्थित छोटा सा गांव खैजा समूचे प्रदेश में मिर्गी बीमारी के उपचार के कारण प्रसिद्ध है। होली व धूल पंचमी के दिन खैजा में मिर्गी रोगियों की भीड़ उमड़ पड़ती है। यहां निवासरत् ब्यासनारायण लहरे व उसके परिजनों द्वारा आयुर्वेद पद्धति से मिर्गी का ईलाज किया जाता है। इसके पीछे डेढ़ सौ वर्ष पुरानी पूर्वजों की कहानी जुड़ी हुई है। यह परंपरा पांच पीढ़ी से चली आ रही है। इनके पहले ब्यासनारायण के पिता धनसाय, दादा लच्छीराम, परदादा राजाराम और इनके पूर्वज भी मिर्गी का उपचार करते आ रहे हैं। ब्यासनारायण बताते है कि करीब डेढ़ सौ वर्ष पूर्व उनके परिवार के किसी सदस्य को मिर्गी की बीमारी थी, जिसे ठीक करने के लिए उनके पूर्वजों ने होली के दिन ही जड़ी-बूटी का सहारा लिया। उनका नुस्खा उस समय कारगर साबित हो गया, जब मिर्गी पीड़ित मरीज की तबियत बिल्कुल ठीक हो गई। इसके बाद ब्यासनारायण के पूर्वजों ने लोगों को इस बीमारी से मुक्त कराने की ठान ली। इसी उद्देश्य को लेकर लहरे परिवार द्वारा शुरू किया गया प्रयास अब तक जारी है, जो परंपरा का रूप ले चुका है। इस उपचार की खासियत यह है कि यह पूरी तरह से निशुल्क है। ब्यासनारायण ने बताया कि साल में होली और धूल पंचमी के दिन ही सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक उनके द्वारा निःशुल्क उपचार किया जाता है। इस वजह से होली से एक दिन पहले ही बिलासपुर, रायपुर, रायगढ़, कोरबा, अंबिकापुर सहित उत्तर प्रदेश से भी आए मरीजों की भीड़ गांव में दिखने लगती है।
2 टिप्पणियाँ:
rajendra ji jaankari ke liye dhanyavaad.achha hoga yadi aap mujhe kasbe ki sahi location mere cell par bata de aap ka aabhari rahugaa .me PANNA (MP) me rehta hu. pl'call 09893469025
aap mujhe theek theek address bata de .me aap ka aabhari rahugaa.pl'call 9893469025
एक टिप्पणी भेजें